Shero shayari in hindi love
कैसे लिखोगे मोहब्बत की किताब
तुम तो करने लगे पल-पल का हिसाब
दीवाने है तेरे नाम के इस बात से इंकार नहीं
कैसे कहें कि तुमसे प्यार नहीं
कुछ तो कसूर है आपकी आखों का
हम अकेले तो गुनहगार नहीं
शायरी नही आती मुझे बस हेल दिल सुना रही हूँ
बेवफाई का इलज़ाम है मुझपर फिर भी गुनगुना रही हूँ
क़त्ल करने वालो ने कातिल भी हमे ही बना दिया
खफा नही उससे फिर भी मै बस उसका दामन बचा रही हूँ
shero shayari
कांच जैसे होते हैं हम तन्हां जैसे लोगों के दिल,
कभी टूट जाते हैं और कभी तोड़ दिए जाते हैं
मौसम बदल गये जमाने बदल गये
लम्हों में दोस्त बरसों पुराने बदल गये
दिन भर रहे जो मेरी मौहब्बत की छॉंव में
वो लोग धूप ढलते ही ठिकाने बदल गये
हजारों ऐब हैं मुझमे,
न कोई हुनर बेशक,
मेरी खामी को तुम खूबी में तब्दील कर देना,
मेरी हस्ती है एक खारे समंदर से मेरे दाता,
अपनी रहमतों से इसे मीठी झील कर देना।
shero shayari
शायरी उसी के लबों पर सजती है साहिब
जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो
तुम्हारी सुन्दर आँखों का मकसद कहीं ये तो नहीं
कि जिसको देख लें उसे बरबाद कर दें
कभी नजरे मिलानेे मे जमाना बीत जाता है
कभी नजरे चुराने मे जमाना बीत जाता है
shero shayari
मुझसे बेवफाई की इन्तहा क्या पूछते हो
वह मुझसे मोहब्बत दिखती है किसी और के लिए
किसी ने आज पूछा हमसे कहाँ से लाते हो ये शायरी
मैं मुस्करा के बोला: उसके ख्यालो मे डूब कर