Shero shayari in hindi on life
देखकर दर्द किसी का जो आह निकल जाती है,
बस इतनी से बात आदमी को इंसान बनाती है ।
वाक़िआ कुछ भी हो सच कहने में रुस्वाई है
क्यूँ न ख़ामोश रहूँ अहल-ए-नज़र कहलाऊँ
मेरी मोहब्बत की हद मत तय करना तुम…
तुम्हें सांसों से भी ज्यादा मोहब्बत करते हैं हम
shero shayari
ताल्लुक़ कौन रखता है किसी नाकाम से लेकिन,
मिले जो कामयाबी सारे रिश्ते बोल पड़ते हैं,
मेरी खूबी पे रहते हैं यहां,
अहल-ए-ज़बां ख़ामोश,
मेरे ऐबों पे चर्चा हो तो,
गूंगे बोल पड़ते हैं।
ये ना समझना कि खुशियों के ही तलबगार हैं हम…
तुम अगर अश्क भी बेचो तो,
उसके भी खरीददार हैं हम…
कितनी पी कैसे कटी रात मुझे होश नहीं
रात के साथ गई बात मुझे होश नहीं
मुझको ये भी नहीं मालूम कि जाना है कहाँ
थाम ले कोई मेरा हाथ मुझे होश नहीं
shero shayari
बहाना मिल न जाये बिजलियों को टूट पड़ने का
कलेजा काँपता है आशियाँ को आशियाँ कहते
चले गए है दूर कुछ पल के लिए
मगर करीब है हर पल के लिए
किसे भुलायेंगे आपको एक पल केलिए
जब हो चूका है प्यार उम्र भर के लिए
shero shayari
लडते रहते हैं दो मुल्कों की तरह तुम्हारे लिए
तुम्हारी क्या खता है इसमें तुम हो ही कश्मीर सी सुंदर
मुस्कुराने की आदत भी कितनी महंगी पड़ी हमें…
छोड़ गया वो ये सोच कर कि हम जुदाई में भी खुश हैं