Welcome shero shayari in hindi
नशा हम करते हैं
इलज़ाम शराब को दिया जाता है
मगर इल्ज़ाम शराब का नहीं उनका है
जिनका चेहरा हमें हर जाम में नज़र आता है
अपनों के दरमियां सियासत फ़िजूल है
मक़सद न हो कोई तो बग़ावत फ़िजूल है।
रोज़ा,
नमाज़,
सदक़ा-ऐ-ख़ैरात या हो हज
माँ बाप ना खुश हों,
तो इबादत फ़िजूल है।
अपने नहीं तो अपनों का साथ क्या होगा
सपनों में हो उनसे मुलाकात तो क्या होगा
सुबह से शाम तक हमें इंतजार हो जिनका
वादों में कटे रात तो रात का क्या होगा
shero shayari
खींच कर आज मुझे मेरे घर लायी है
मेरे बचपन की यादे मेरे मन में समायी है
अब ना चाहिए मुझे दौलत इस दुनिया की
मेरी माँ की मोहब्बत मेरी उम्र भर की कमाई है
एक आँसू कह गया सब हाले दिल का
मै समझती थी ये ज़ालिम बे जुबान है
तुमसे क्या गिला करना गुजारिश है मिला करना
जिंदगी मेरी आसान होगी बस साँसों में घुला करना
shero shayari
दिल होना चाहिए जिगर होना चाहिए
आशिकी के लिए हुनर होना चाहिए
नजर से नजर मिलने पर इश्क नहीं होता
नजर के उस पार भी एक असर होना चाहिए
कितने मासूम होते है ये आँखों के आँसू भी
ये निकलते भी उन के लिए है जिन्हे इनकी परवाह तक नहीं होती
एक इक बात में सच्चाई है उस की लेकिन
अपने वादों से मुकर जाने को जी चाहता है
shero shayari
उडने दो परींदो को अभी शोख हवा में
फिर लौट के बचपन के जमाने नहीं आते
मुझे देखने से पहले साफ़ कर;अपनी आँखों की पुतलियाँ ग़ालिब
कहीं ढक ना दे मेरी अच्छाइयों को भी;नज़रों की ये गन्दगी तेरी