Shero shayari in hindi
ज़मीर जिन्दा रख,
कबीर जिंदा रख,
सुल्तान भी बन जाये तो,
दिल में फ़कीर जिंदा रख,
हौसले के तरकश में कोशिश का वो तीर जिंदा रख,
हार जा चाहे जिंदगी में सब कुछ,
मगर फिर से जीतने की उम्मीद जिंदा रख।
जमीन जल चुकी है आसमान बाकि है ,
वो जो खेतों की मदों पर उदास बैठे हैं,
उन्ही की आँखों में अब तक ईमान बाकि है ,
बादलों अब तो बरस जाओ सूखी जमीनों पर ,
किसी का घर गिरवी है और किसी का लगान बाकि है ।
उल्फत में अक्सर ऐसा होता है
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी
हमसफर उनका कोई और होता है
shero shayari
काम उनके जो बस काम किया करते हैं
अपने सपनों को अंजाम दिया करते हैं
पता नहीं फिर कुछ लोग रंग क्यों बदलते हैं
मुश्किल उनसे जो बदनाम किया करते हैं
सोचता हूँ बंद करूँ लिखना शायरी ये किसी के काम नहीं आती
उसकी याद तो दिलाती है पर उस का दीदार नहीं कराती
पता नही कब जाएगी तेरी लापरवाही की आदत
पगली कुछ तो सम्भाल कर रखती,
मुझे भी खो दिया
shero shayari
दोस्ती अच्छी हो तो रंग़ लाती है
दोस्ती गहरी हो तो सबको भाती है
दोस्ती नादान हो तो टूट जाती है
पर अगर दोस्ती अपने जैसी हो
तो इतिहास बनाती है
झूट बोला है तो क़ाएम भी रहो उस पर ‘ज़फ़र’
आदमी को साहब-ए-किरदार होना चाहिए
shero shayari
मेरी महोब्बत का अन्दाजा कभी मत लगाना …
हिसाब हम लेंगे नहीं और चुका तुम पाओगे नहीं
कभी मतलब के लिए तो कभी बस दिल्लगी के लिए
हर कोई मोहाब्बत ढूँढ़ रहा है यहाँ
अपनी तन्हा सी ज़िन्दगी के लिए