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जो गुजरे इश्क में सावन सुहाने याद आते हैं
तेरी जुल्फों के मुझको शामियाने याद आते हैं
क़दम क़दम पर सिसकी और क़दम क़दम पर आहें;
खिजाँ की बात न पूछो सावन ने भी तड़पाया मुझे
पतझड़ दिया था वक़्त ने सौगात में मुझे
मैने वक़्त की जेब से ‘सावन’ चुरा लिया
Sawan Shayari in Hindi
जितना हँसा था उससे ज़्यादा उदास हूँ
आँखों को इन्तज़ार ने सावन बना दिया
सावन का हो गया है आगाज़,
आने लगी बूंदों की आवाज़ .
चाय-पकोड़ो की प्लेट सजाओ,
और हमें अपना मेहमान बनाओ
सावन का मज़ा लेना है
तो घर से बहार आना होगा
कपड़ो की फिक्र किये बिना
फिर मस्ती से भीग जाना होगा
Sawan Shayari in Hindi
मौसम का अंदाज़ भाया है,
नए संवेरे साथ लाया है .
दरवाज़ा खोल के देखो,
भीगा हुआ सावन आया है.
बनके सावन कहीं वो बरसते रहे
इक घटा के लिए हम तरसते रहे
आस्तीनों के साये में पाला जिन्हें,
साँप बनकर वही रोज डसते रहे
तेरा उलझा दामन मेरी अंजुमन तो नहीं,
जो मेरे दिल में है शायद तेरी धड़कन तो नहीं,
यू यकायक मुझे बरसात की क्यों याद आई,
जो घटा है तेरी आँखों में वो सावन तो नहीं.
अब कौन से मौसम से कोई आस लगायें,
जब सावन के महीने में भी याद ना उन को हम आयें।
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