Safar manzil shayari
सफ़र से लौट जाना चाहता है !!
परिंदा आशियाना चाहता है !!
कोई स्कूल की घंटी बजा दे !!
ये बच्चा मुस्कुराना चाहता है !!
यूँ ही नहीं आगे हूँ मैं !!
ज़िन्दगी के सफर में !!
की पीछे हटना मुझे नहीं आता !!
सफ़र से लौट जाना चाहता है !!
परिंदा आशियाना चाहता है !!
कोई स्कूल की घंटी बजा दे !!
ये बच्चा मुस्कुराना चाहता है !!
safar shayari hindi
अजीब सी पहेलियाँ हैं मेरे हाथों की लकीरों में !!
लिखा तो है सफ़र मगर मंज़िल का निशान नहीं !!
अजीब सा सफर है ये ज़िंदगी !!
मंज़िल मिलती है मौत के बाद !!
क्या बताऊं कैसे गुज़र रही है !!
राह-ए-ज़िंदगी !!
शामें तन्हा है और रातें अकेली !!
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ज़िंदगी के सफर में हिंदी वाला सफर करते रहिये !!
वर्ना अंग्रेजी वाला Suffer तो लगा ही रहेगा !!
माना की ज़िंदगी में गम बहुत है !!
कभी सफर पर निकलो और देखो खुशियां !!
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कुछ सफर मंज़िल से ज्यादा खूबसूरत होते हैं !!
कुछ मोहब्बतों का अधूरा रह जाना ही मजा है !!