Are you ready to unleash your inner poet and express your deepest emotions through the power of words? Look no further than Romantic Mausam Shayari, a captivating form of poetry that beautifully captures the essence of love and the changing seasons. With its lyrical verses and evocative imagery, Mausam Shayari has the ability to touch hearts and create a lasting impact. Whether you’re a seasoned poet or a novice looking to explore your creative side, this poetic art form is the perfect way to express your love
in a unique and heartfelt manner. From the gentle breeze of spring to the passionate storms of monsoon, Mausam Shayari encapsulates the beauty and intensity of love in all its forms. Join the ranks of poets past and present who have used this enchanting form of expression to convey their deepest emotions and embark on a journey of love, poetry, and self-discovery. Get ready to dive into the world of Romantic Mausam Shayari and let your words paint a canvas of love that will leave your loved ones speechless.
Romantic mausam shayari
टूटे दिल से मत पूछों कौन-सा मौसम अच्छा लगता है !!
जब वो साथ होता है तो हर मौसम अच्छा लगता है !!
सुहाने से मौसम में रूहानी सी बात कह गई !!
उससे प्यार नही करना था मगर प्यार हो गई !!
पेड़ यहाँ कुछ सदा-बहार भी होते हैं
मौसम मौसम तुम भी फूला-फला करो
मिरी धूप में आने से पहले
कभी देखे थे मौसम ऐसे
Romantic mausam shayari
मौसम मौसम याद में तेरी तन्हा हम ने काट दिए
इक लम्हे के मेल का रिश्ता सच है कोई रिश्ता भी
खिल ही जाएगी कभी दिल की कली
फूल बरसाता हुआ मौसम चले
पहले मौसम पे तब्सिरा करना
फिर वो कहना जो दिल के अंदर है
Romantic mausam shayari
क्या भरोसा बदलते मौसम का
रंग कल कुछ था आज और है कुछ
फ़ैसले के लिए एक पल था बहुत
एक मौसम गया सोचते सोचते
अभी दो चार ही बूँदें गिरीं हैं
मगर मौसम नशीला हो गया है
अपनी सी लगती है हर नमी अब तो,
आँखों ने खुश्क मौसम कभी देखे ही नहीं…!!
romantic mausam shayari
खुद भी रोता है, मुझे भी रुला के जाता है,
ये बारिश का मौसम, उसकी याद दिला के जाता है…!!
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बरसता भीगता मौसम धुआं धुआं होगा,
पिघलती शम्मों पे दिल का मेरे गुमां होगा…!!
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है…!!
कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आये,
और कुछ तेरी मिटटी में बगावत भी बहुत थी…!!
Romantic mausam shayari
पतझड़ में सिर्फ पत्ते गिरते हैं,
नज़रों से गिरने का कोई मौसम नहीं होता…!!
आज कुछ और नहीं बस इतना सुनो,
मौसम हसीन है लेकिन तुम जैसा नहीं…!!
तेरी जुल्फों के साये में कई मौसम गुजरे है
हम तो मर ही गए थे,
लेकिन जिए तेरे उस मौसम के सहारे है…!!
गर्मी के मौसम का भी एक पल आता है,
जिसमे आधे कपड़े और ठंडे
Romantic mausam shayari
दर्द दर्द में कोई मौसम प्यारा नही होता !!
दिल हो प्यासा तो पानी से गुजारा नही होता !!
कोई देखे तो हमारी बेबसी !!
हम सभी के हो जाते हैं !!
पर कोई हमारा नही होता !!
मौसम शायराना अंदाज में कहता है !!
तेरी जुल्फों की लहरहाट देख !!
दिल मेरा यूँ डग मगा सा गया है !!
तेरी नशीली आँखों का जहर !!
इस दिल में समा सा गया है !!
तेरी करीबियों का ये आलम !!
दिल घबरा सा गया है !!
कहना चाहते थे कुछ बाते !!
हाय मन शर्मा सा गया है !!
गर्मी वाले मौसमी मज़े !!
ठंडे पानी से नहाने का मजा !!
ठंडी कुल्फी को खाने का मज़ा !!
निम्बू पानी को बनाने का मज़ा !!
भरी गर्मी में बत्ती जाने का मज़ा !!
romantic shayari on mausam
प्यार के मौसम में जीवन बीत जाएँ !!
तो वो जिंदगी सबसे खूबसूरत है !!
एक तरफ़ा प्यार में जीवन बीत जाएँ !!
वो भी जिन्दगी हसीन है !!
मगर जिसको किसी से प्यार नही है !!
उसके जीना ही बेकार है !!
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मौसम का मजा तो गरीब लेते है !!
अमीरों को गर्मी सर्दी और !!
बरसात के मौसम का पता ही !!
कहाँ चलता है !!
धूप भी खुल के कुछ नहीं कहती !!
रात ढलती नहीं थम जाती है !!
सर्द मौसम की एक दिक्कत है !!
याद तक जम के बैठ जाती है !!
Romantic mausam shayari
क्यूँ किसी की यादों को सोच कर रोया जाए !!
क्यूँ किसी के ख्यालों में यूँ खोया जाए !!
बाहर मौसम बहुत ख़राब हैं !!
क्यूँ न रजाई तानकर सोया जाए !!
सतरंगी अरमानों वाले !!
सपने दिल में पलते हैं !!
आशा और निराशा की !!
धुन में रोज मचलते हैं !!
बरस-बरस के सावन सोंचे !!
प्यास मिटाई दुनिया की !!
वो क्या जाने दीवाने तो !!
सावन में ही जलते है !!
सुहाना मौसम भी बिगड़ जाता है !!
आँधियों के चलने से !!
धोखेबाज भी बदल जाते है !!
धोखेबाजियों के चलने से !!
रंगरलियां करते हुए इस मौसम से पूछो जरा !!
मेरा महबूब के घर और गलियों का पता !!
उनके अंदर के नेचर और फिलिंग का पता !!
अरे मौसम रुक मत तू जल्दी बता !!
मुझे लव है उन्हें क्या ये भी है पता !!
प्यारे मौसम तू रुक मत चल जल्दी बता !!
Romantic mausam shayari
जिसे भीगने का डर होता है !!
वो बारिश का मजा कहाँ ले पाता है !!
जिसे बिछड़ने का डर होता है !!
वो सच्चा इश्क़ कहाँ कर पाता है !!
जाते मौसम से ज़बान पूछती !!
कल फिर इसी अंदाज में लोट आओगे ना !!
थोड़ा जल्दी नहीं पर देर से भी आ जाओगे ना !!
थोड़ी मुश्किल होगी पर फिर चले आओगे ना !!
अब कुछ बोल दो कल फिर से लोट आओगे ना !!
Romantic mausam shayari
तेरे चेहरे को देख दिल में सवाल होता है !!
तेरी जुल्फों से भी हाय क्या कमाल होता है !!
गलों से भी दिल में बवाल होता है !!
पर तोड़ दिल को देख मुझको मलाल होता है !!
आज मौसम भी बड़ी बेईमानी कर रहा है !!
खुद तो अच्छे से देख रहा है उन्हें !!
पर म देखूं !!
तो परेशानी कर रहा है !!
barish ka mausam romantic shayari
उदास जिन्दगी लगती है !!
उदास वक़्त लगता है !!
उदास ये मौसम लगता है !!
जब उदास तू लगता है !!
इस मौसम ने सबको सताया है !!
जो भीगा नहीं था !!
आज उसको भी भिगाया है !!
कीचड़ में भिगाया है !!
नाले में बहाया है !!
इस मौसम ने सबको नचाया है !!
मंजर भी बेनूर थे !!
और फिजायें भी बेरंग थी !!
तुम्हारी याद आयी और !!
मौसम सुहाना हो गया !!
Romantic mausam shayari
लोग कहते है कि !!
दिन छोटा होता है तब रातें लम्बी हो जाती है !!
मैं कहता हूँ कि !!
जब दिल टूटता है तब रातें लम्बी हो जाती है !!
बगल वाली भाभी को देख कर कहता है !!
मौसम को रंगीन बना रखा है !!
फिगर को हसीन बना रखा है !!
जी चाहता है पा लूँ तुझे म आज !!
पर क्या करूं बीवी ने पति से ज्यादा !!
मशीन बना रखा है !!
इस ठंडे मौसम की बाहर बन कर !!
ठंडी में भी गर्मी की फुहार बनकर !!
शुर मय जीवन में छनकार बनकर !!
तेरी मोहोब्बत में फसा हूँ !!
एक लाचार बनकर !!
मौसम की तरह इंसान नही बदलते है !!
मौसम बदलने का पता चल जाता है !!
मगर इंसान के बदलने का पता !!
बड़ी देर में चलता है !!
Romantic mausam shayari
कोई दिल में इस कदर उतर जाता है !!
जिसके बाद हर मौसम रंगीन नजर आता है !!
उसे ना देखों तो दिल बेचैन हो जाता है !!
उसे देख लो तो उस पर प्यार आता है !!
किसने कहा इश्क़ बेवफा होता है !!
किसने कहा इश्क़ सजा देता है !!
किसी के इश्क़ में पूरी तरह डूब कर देखो !!
उसकी यादों का मौसम भी मजा देता है !!
Romantic mausam shayari
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया !!
ख़त्म सभी का इंतज़ार हो गया !!
बारिश की बूंदे गिरी इस तरह से !!
लगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया !!
मौसम की पहली बारिश में तुम मिले इस तरह !!
जैसे धरती मिल गई हो आसमान से !!
जैसे बूँदों ने पहली बार किया हो !!
आलिंगन माटी के सीने से और उसी माटी की सौंधी !!
खुशबू की तरह फैल रहा है हर तरफ प्यार तेरा !!
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दिल की बाते कौन जाने !!
मेरे हालात को कौन जाने !!
बस बारिश का मौसम है !!
पर दिल की ख्वाहिश कौन जाने !!
मेरी प्यास का एहसास कौन जाने !!
अपना अंदाज है !!
कुछ मौसम रंगीन है !!
तारीफ करूँ या चुप रहूँ !!
जुर्म दोनो ही संगीन है !!
इस सुहाने मौसम का थोड़ा एहतराम तो कर ले !!
घर तेरे आयें है थोड़ा इंतजाम तो कर ले !!
इन झूठी बातों पर थोड़ा लगाम तू कर ले !!
सोचेगा क्या इतना अरे !!
इंतजाम तो कर ले !!
Romantic mausam shayari
इन्सान हमेशा शिकायत करता है !!
कि ये मौसम अच्छा नही होता है !!
वो मौसम अच्छा होता है !!
लेकिन जब इंसान मेहनत करता है !!
और सफलता मिलती है तब हर मौसम !!
अच्छा और रंगीन लगता
कहानी बस इतनी सी थी तेरी मेरी मोहब्बत की !!
मौसम की तरह तुम बदल गए !!
और फसल की तरह हम बरबाद हो गए !!
दिसंबर में मौसम भी कति प्यारा होता है !!
होता ठंडा है मगर !!
फिर भी सबका दुलारा होता है !!
बेईमान मौसम से पूछो कुछ हरकत कर रहा है !!
बताता नहीं क्या !!
ये मेरे हमसफर से डर रहा है !!
Romantic mausam shayari
अरे इतना भी मत सताओ
मौसम सुहाना है !!
थोड़े नखरे कम करो !!
दूर क्यूँ हो !!थोड़ा पास आजाओ !!
जो आना चाहो हज़ारों रास्ते !!
न आना चाहो तो हज़ारों बहाने !!
मिज़ाज-ऐ-बरहम मुश्किल रास्ता !!
बरसती बारिश और ख़राब मौसम !!
Romantic mausam shayari
कुछ तो हवा भी सर्द थी !!
कुछ था तेरा ख़याल भी !!
दिल को ख़ुशी के साथ साथ !!
होता रहा मलाल भी !!
जमाने भर का गम अपने कंधो पर उठा रखा है !!
नज़रों का कहर दिल में दबा रखा है !!
अपने मौसम को तो तूने सुहाना बना रखा है !!
हमारे मौसम को धुंए में जला रखा है !!
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ये मौसम कितना प्यार है !!
खूबसूरत कितना यह नजारा है !!
इश्क़ करने का गुनाह हमारा है !!
मेरे सीने में धड़कता दिल तुम्हारा है !!
यूँ ही शाख से पत्ते गिरा नहीं करते !!
बिछड़ के लोग भी ज्यादा जिया नहीं करते !!
जो आने वाले हैं मौसम उनका एहतराम करो !!
जो दिन गुजर गए उनको गिना नहीं करते !!
इस सर्दी के मौसम ने भी बोहोत सताया है !!
फिर तेरी यादों ने भी नींदो से हमें जगाया है !!
ठन्डे मौसम में भी हमे जोरों से रुलाया है !!
अकेलेपन से मुझे मेरे मित्रों ने ही तो बचाया है !!
भूली यादों को याद कर के आज रोया हूँ !!
भूले जख्मो को आज फिर से म भिगोया हूँ !!
तभी ठंडी के मौसम में भी लंबी चदर को तान सोया हूँ !!
Romantic mausam shayari
इस हसीं शाम ने मौसम बना रखा है !!
वैसे पीता तो नहीं पर फिर भी !!
नशा पूरा चढ़ा रखा है !!
तेरी जुल्फों के साये में कई मौसम गुजरे है !!
हम तो मर ही गए थे !!
लेकिन जिए तेरे उस मौसम के सहारे है !!
मौसम की तरह बदलना तुम्ही ने सिखाया है !!
तभी तो आज ये चाँद तेरे लिए नहीं !!
तेरी दोस्त के लिए आया है !!
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अरे बारिश का मौसम भी कुछ बता रहा है !!
खुले बाल कर उनका यूँ मेरी तरफ चले आना !!
ओह अरे मुझे शता रहा है !!
इस मौसम से सब परेशान है !!
नाक में झरना और झरने पर रुमाल !!
ये सब इसी मौसम की तो पहचान है !!
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प्यार करने का मौसम नहीं आता हैं !!
पर जब तुम सामने आते हो !!
तो हर मौसम मजेदार बन जाता हैं !!
मौसम अच्छा हो गया है !!
लगता है मेरी जिंदगी में !!
तुम आने वाले हो !!
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साहिल. रेत. समंदर लहरें बस्ती .जंगल सहरा दरिया !!
खुशबू मौसम फूल दरीचे बादल सूरज चाँद सितारे !!
आज ये सब कुछ नाम तुम्हारे !!
वाह मौसम आज तेरी अदा पर !!
दिल को प्यार आ गया वो पास आई !!
और तू बारिश बनकर बरस
उस को भला कोई कैसे गुलाब दे !!
जिसके आने से बारिश का मौसम और गुलाबी हो जाता है !!
मौसम ने बनाया है निगाहों को शराबी !!
जिस फूल को देखूं वोही पैमाना हुआ है !!
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कोई मुझ से पूछ बैठा ‘बदलना’ किस को कहते हैं !!
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ? “मौसम” की या “अपनों” की !!
दिल खुश हो जाता था जिसके मुस्कुराने से !!
ये मौसम बेरंग हो गया है उसके छोड़ जाने से !!
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छु कर निकलती है जो हवाएँ तेरे चेहरे को !!
सारे शहर का मौसम गुलाबी हो जाता है !!
वाह मौसम तेरी वफा पे आज दिल खुश हो गया !! !!
याद-ए-यार मुझे आयी और बरस तू पड़ा !!
Romantic mausam shayari
मेरे दिल को तोड़कर तू मिलने का बहाना न कर !!
दर्द हमने बहुत सहे है !!
इस मौसम को सुहाना न कर !!
रिमझिम बरस पड़े हो तुम तो फुहार बन के !!
आया है अब तो मौसम कैसा खुमार बन के !!
मेरे दिल में यूँहीं रहना तुम प्यार प्यार बन के !!
जब इंसान की फितरत बदल रही हो तो !!
ये जरुरी नहीं की इंसान बदल गया !!
हो सकता है बाहर का मौसम बदल रहा हो !!
मौसमी रंग भी कितना रंगीन होता है !!
ठहरता है बस कुछ वक्त के लिए !!
पर फिर भी ये मौसम हसीन
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दूर जाकर भी मुझे तुम कितना सताते हो !!
इस सर्द मौसम में तुम बहुत याद आते हो !!
ये बारिश का मौसम और तुम्हारी याद !!
चलो फिर मिलते है एक कप चाय के साथ !!
जो मजा आपके इन्तजार में है !!
वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है !!
मोहब्बत करने का कोई मौसम नही होता है !!
इस जमाने में कोई बेवफा हो जाएँ तो गम नही होता है !!
Romantic mausam shayari
जब बेवफाई का मौसम आता है !!
बात करने का लहजा बदल जाता है !!
सर्द मौसम में आग लगाया ना करों !!
बाजार में जुल्फों को लहराया ना करों !!
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हमें इस सर्द मौसम में तेरी यादें सताती हैं !!
तुम्हें एहसास होने तक दिसंबर बीत जायेगा !!
इसमें मौसम का क्या कसूर है !!
जब मेरी चाहत ही मुझसे दूर है !!
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जब से तेरे ख़याल का मौसम हुआ है दोस्त !!
दुनिया की धूप-छाँव से आगे निकल गये !!
कब तलक दिल में जगह दोगे हवा के ख़ौफ़ को !!
बादबाँ खोलो कि मौसम का इशारा हो चुका !!
तब्दीली जब आती है मौसम की अदाओं में !!
किसी का यूँ बदल जाना बहुत ही याद आता है !!
हर किसी के जीवन में एक ऐसा वक़्त आता है !!
जिसे दिल से चाहों वो मौसम की तरह बदल जाता है !!
कुछ तो मौसम-ए-हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख्याल भी !!
दिल को खुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी !!
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बहुत ही सर्द है अब के दयार-ए-शौक़ का मौसम !!
चलो गुज़रे दिनों की राख में चिंगारियाँ ढूँडें !!
महबूब के बिना हर मौसम उदास सा लगता है !!
महबूब हो पास तो हर मौसम ख़ास सा लगता है !!
तेरे तसव्वुर की धूप ओढ़े खड़ा हूँ छत पर !!
मिरे लिए सर्दियों का मौसम ज़रा अलग है !!
हँसाना नहीं बस रुलाना जानता है !!
ये मौसम भी ना बस औरों को फसाना जानता है !!
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दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था !!
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था !!
शहर देखकर ही अब हवा चला करती है !!
अब इंसान की तरह होशियार मौसम होते हैं !!
तुम मौसम की तरह बदल रही हो !!
मैं फसल की तरह बरबाद हो रहा हूँ !!
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मौसम गए सुकून गया ज़िन्दगी गई !!
दीवानगी की आग में क्या-क्या गया न पूछ !!
कुछ आपका अंदाज है कुछ मौसम रंगीन है !!
तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो संगीन है !!
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जाता हुआ मौसम लौटकर आया है !!
काश वो भी कोशिश करके देखे !!
तेरे इंतजार का मजा ही कुछ और है !!
अरे उसके आगे तो तेरे इस मौसम का मजा भी कमजोर है !!
मौसम भी है सुहाना बारिश भी हो रही है !!
बस एक कमी है तेरा मुझसे गले लग जाना !!
मस्त मौसम दिल में बहार लता है !!
बिछड़े हुआ जोड़े को फिर से मिलता है !!
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मौसम की मिसाल दूँ या तुम्हारी !!
कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते हैं !!
सर्दी में दिन सर्द मिला !!
हर मौसम बेदर्द मिला !!
जो उन मासूम आँखों ने दिए थे !!
वो धोके आज तक मैं खा रहा हूँ !!
नीचे गिरे पत्ते भी सुख जाया करते है !!
सर्दी के मौसम में जोड़े भी रूठ जाया करते है !!
आ देख मेरी आँखों के !! ये भीगे हुए मौसम !!
ये किसने कह दिया कि तुम्हें भूल गये हम !!
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बलखाने दे अपनी जुल्फों को हवाओं में !!
जूड़े बांधकर तू मौसम को परेशां न कर !!
मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा !!
हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा !!
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काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मुहब्बत की ठंड !!
और तू तड़प कर माँगे मुझे कम्बल की तरह !!
सुहाने मौसम से मैं आज भी डरता हूँ !!
उसे भूलने की कोशिश आज भी करता हूँ !!
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जैसा मूड़ हो वैसा मंजर होता है !!
मौसम तो इंसान के अंदर होता है !!
आज है वो बहार का मौसम !!
फूल तोड़ूँ तो हाथ जाम आए !!