dhoka dena shayari
तुम धोका करो तब भी धोखेबाज नहीं !!
हम वफा करें तो भी गुनहगार है !!
ये खता तेरी नहीं जान मेरी !!
ये तो वक़्त-वक्त की मार है !!
जमाने को अच्छा समझा !!
लेकिन वो चालबाज निकला !!
अपने को अपना समझा !!
लेकिन वो धोखेबाज निकला !!
तुम धोका करो तब भी धोखेबाज नहीं !!
हम वफा करें तो भी गुनहगार है !!
ये खता तेरी नहीं जान मेरी !!
ये तो वक़्त-वक्त की मार है !!
Dhoka Shayari in Hindi
उसकी यादें सदाबहार है !!
मगर अब वो मेरी पहुंच से बाहर है !!
पाकर भी करूंगा क्या !!
वो तो हमेशा से एक धोखेबाज है !!
किस्मत को बदलता देखा है मैंने !!
मौसम भी बदलते देखे हैं मैंने !!
दुश्मनों को देखा है दुश्मनी निभाते हुए !!
दगाबाजी करते हुए दोस्तों को भी देखा है मैंने !!
मंजिल भी उसकी थी !!
रास्ता भी उसका था !!
एक मैं ही अकेला था !!
बाकि सारा काफिला भी उसका था !!
Dhoka Shayari in Hindi
दोस्त ही जब शामिल हों !!
गैरों की चाल में !!
तब फंस जाता है शेर भी !!
बकरी के जाल में !!
तुम क्या जानो अपने आप से !!
कितना मैं शर्मिंदा हूँ !!
छूट गया है साथ तुम्हारा !!
और अभी तक ज़िंदा हूँ !!
लगा था कि जिंदगी में !!
एक सच्चा दोस्त मिल गया है हमें !!
पर उम्मीद न की थी कि वही हमें !!
धोखा दे जाएगा !!
वो शख्स बड़ा मासूम था !!
मोहब्बत से पहले !!
पता नहीं क्यू दिल में बसते ही !!
धोखेबाज़ हो गया !!