bachpan dosti shayari
बचपन में भरी दुपहरी नाप आते थे पूरा गाँव!!
जब से डिग्रियाँ समझ में आई!!
पाँव जलने लगे!!
बचपन से हर शख्स याद करना सिखाता रहा!!
भूलते कैसे है!!
बताया नही किसी ने!!
जो सपने हमने बोए थे!!
नीम की ठंडी छाँवों में!!
कुछ पनघट पर छूट गए!!
कुछ काग़ज़ की नावों में!!
Bachpan Quotes in Hindi
अभी भी याद है हमें हर पल बचपन के अंदाज का!!
वो याद ही रहता है बचपन का!!
खिलखिलाना, दोस्तों से रूठना, झगड़ना और मनाना!!
दहशत गोली से नही दिमाग से होती है!!
और दिमाग तो हमारा बचपन से ही खराब है!!
वो बचपन भी कितना ख़ास था!!
उस वक्त एक शाम भी हुआ करती थी!!
आज तो सुबह के पश्चात् सीधी रात ही होती है!!
बचपन भी कमाल का था!!
खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें या ज़मीन पर!!
आँख बिस्तर पर ही खुलती थी!!
Bachpan Quotes in Hindi
लौटा दों कोई मुझे वो मेरें बालपन का सावन!!
वो कागद की किश्ती वो भादो की बारिश का पानी!!
हँसते खेलते गुज़र जाये वैसी शाम नही आती!!
होंठो पे अब बचपन वाली मुस्कान नही आती!!
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बचपन में कितने रईस थे हम!!
ख्वाहिशें थी छोटी-छोटी!!
बस हंसना और हंसाना!!
कितना बेपरवाह था वो बचपन!!
हे ईश्वर अब तुम एक ऐसी कहानी रचना!!
बचपन में ही हो मरण ऐसी जिंदगानी लिखना!!