zindagi dard bhari shayari
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दोस्तों हर किसी की एक कहानी होती है
किसी की पूरी तो किसी की अधूरी होती है !!
एक महफ़िल में कई महफ़िलें होती हैं शरीक
जिस को भी पास से देखोगे अकेला होगा
किसी हालत में भी तन्हा नहीं होने देती
है यही एक ख़राबी मिरी तन्हाई की
Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari
भीड़ के ख़ौफ़ से फिर घर की तरफ़ लौट आया
घर से जब शहर में तन्हाई के डर से निकला
उजली- उजली बर्फ पिघल कर
जब निकली गंगा की धार
पावन रहे देवनदी
यूँही बाँटे ये सब को प्यार |
जाह्नवी का यह निर्मल जल
सींचे भारत धरा को पल पल
आशा है हम सबको इससे
यह तो है जीवन का सार
Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है,
ऐसी तन्हाई में मर जाने को जी चाहता है।
हमारे इस अकेलेपन ने हमें जीना सीखा दिया,
बची हुई हँसीं को तो हमनें पहले ही भुला दिया।
भीड़ में ये अकेलापन मुझसे मिलने जब आया,
क्या है ये अकेलापन मुझे समझ में तब आया।
Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari
जब तन्हाई में उनके बगैर जीने की बात आयी,
उनसे हुई हर मुलाकात मेरी यादों में दौड आई।
तेरे जाने के बाद मैंने कितनों को यु आज़माया हैं,
मगर कोई भी मेरे अकेलेपन को दूर नहीं कर पाया हैं।
जब से मुझे प्यार में मिली है बेवफाई,
तब से मेरी जिंदगी में है दर्द और तन्हाई।