Shayari in ajnabi
उन्हें देखा फिर से दर्द उठा !!
पर उन्हें देखे बगैर रहा भी नहीं ज़ाता !!
ऐसा क्यूं करती है तू ऐ ज़िदंगी !!
क्या तुम्हे हमसे ख़ेले बगैर रहा नहीं जाता !!
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महंगा प्यार !!
लोगों को जो तोहफे में मिलती है !!
हम उसे उधार मांग रहे है !!
हमें मिले जो दर्द है उसके बदले !!
हम सिर्फ प्यार मांग रहे है !!
चेहरे अजनबी हो जाये तो !!
कोई बात नहीं लेकिन !!
रवैये अजनबी हो जाये तो !!
बड़ी तकलीफ देते हैं !!
Ajnabi Shayari in Hindi
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है !!
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है !!
उससे मिलना तो तकदीर मे लिखा भी नही !!
फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है !!
मैंने सोचा कि क्या लिखूं तेरे बारे में !!
फिर याद आया कि तू पढ़ेगी ही नहीं !!
तो लिख के क्या फायदा एक अंजान शायर !!
आज हम रो दिए इसलिए माफी चाहते है !!
पर हमारे सहने कि हद यही तक थी !!
एक अंजान शायर !!
Ajnabi Shayari in Hindi
ना ही रोया जाता है ना ही सोया जाता है !!
पागल की तरह ये दिल तेरे ख्यालों में खो जाता है !!
अंजान शायर !!
खुदा तेरी हर दुआ कुबूल करे !!
जिस चाहे तु हमसे आजाद होना !!
उस दिन तेरे सामने ही हम मरे !!
Ajnabi Shayari in Hindi
सिर्फ तुम ,मेरी हर सुबह का पहला ख्याल हो तुम !!
मेरी हर रात का ख्वाब हो तुम मैं ज्यादा तारीफ नहीं !!
करूंगा तुम्हारी ,क्यूंकि जैसी भी हो लाजवाब हो तुम !!
बदल लेंगे हम खुद को इतना !!
की तुम भी न पहचान पाओगे हमें !!
अगर कभी सोचोगे हमारे बारे में !!
हमें पूरी तरह अजनबी पाओगे !!
हम कुछ ना कह सके उनसे !!
इतने जज्बातों के बाद !!
हम अजनबी के अजनबी ही रहे !!
इतनी मुलाकातो के बाद !!
अजनबी कोई समझ लेता है !!
कोई अन्जान समझ लेता है !!
दिल है दीवाना !!
हर तबस्सुम को जान पहचान समझ लेता है !!